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सच्ची भूतिया घटना ( रोहन )


सच्ची भूतिया घटना ( रोहन )

यह घटना वास्तविक है, यह घटना मेरे दोस्त के साथ घटित हुई है जो जौनसार-बाबर क्षेत्र का निवासी है। जौनसार बाबर तंत्र मंत्र के लिए प्रसिद्ध है प्राचीन काल में शायद से ही इसे ही कामरूप नगर या मांयाेग क्षेत्र कहा जाता होगा। यहां पर तंत्र मंत्र में विशेष रूप से महिलाएं ही दक्ष होती है।

सर्दियों की छुट्टियों में मेरा दोस्त रोहन अपने गांव जाने के लिए सुबह 6:00 बजे घर से निकला और वह बस में बैठकर अपने गांव की तरफ धीरे-धीरे बढ़ता है. उसका सफर-2 घण्टे बाद उसका सफर बहुत सुहाना हो गया, धीरे-धीरे मौसम में हल्की ठण्ड शुरु हो गयी क्योकि पर्वतीय घाटियां शुरु हो गयी और वह सफर का मजा लेने लगा वह खिड़की से बाहार देख रहा था और सड़क के दोनो और की हरियाली देखने में मजा आ रहा था। तभी नजर उसकी एक तीव्र मोड़ के किनारे एक कमरेनुमा सरचना (कोठार) देखा उसे वहां बहुत सारी नीली आंखे दिखाई दी उसने ध्यान से देखा कि उसे मानवाकुति दिखाई दी। तो उसे याद आया कि यह तो वही जगह थी जहां पर अक्सर हादसे होते है और कुछ साल पहले वहां पर बस दुर्घटना ग्रस्त हो गयी थी जिसमे कोई जीवित नही बचा। तभी उसे एक परछाई दिखाई दी जो बस के पीछे-पीछे चल रहा थी, तभी उसने बगल वाली सीट में बैठे यात्री से पुछा कि तुम्हे कुछ बाहार दिखाई दे रहा है, तो उसने बोला कि मुझे कुछ नही दिखाई दे रहा है, ऐसी घटनाये केवल उसी को दिखाई देती है जो बहुत नकारात्मक या जिसके असुरी ग्रह बहुत बलवान हो जाते है तो उन व्यक्तियों के सम्मुख प्रकुति के रहस्य उजागर हो जाते है। कुछ आगे जाकर स्थानीय देवता का मन्दिर था, तो वह छाया बस को छोड़कर पुन: वापस लौट गया। अगर कोई सामान्य किस्म का होता तो वही बेहोश हो जाता, पर हमारे ग्रुप के सभी मित्र निड़र थे। तो उसे कुछ अधिक दिक्कत नही हुई।

अब कुछ समय के बाद वह फिर से सुहानी वादियों का मजा लेने लगा और लगभग 4 बजे वह अपने बस स्टाप पर उतर गया और अब आगे का सफर उसे अकेले ही करना था। और पहाडो़ मे 4 बजे सुर्य अस्त हो जाता है और धीरे-धीरे अब प्रकाश कम होने लगा। पर्वतीय क्षेत्रों मे अधिकतर गांव सड़क से बहुत दुरी पर स्थित होते है। आधा सफर तय करने में उसे 40 मिनट लगे क्योकि वह आराम से प्रकृति का आंनद लेकर चलता जा रहा था, पर तभी उसे पादचापों की आवाज सुनाई दी उसने पीछे मुड़कर देखा तो कोई नही, पर 5 मिनट बाद आवाज फिर शुरु अब तो ऐसा लग रहा था मानो कोई एकदम पीछे चल रहा हो, वह फिर पलटा तो फिर कुछ नही, तभी उसके शरीर में एक ठण्डी सिहरन दौडी़ जब उसने उस खेत के बारे मे सोचा जिसे गांव के लोग भुतिया खेत घोषित किया था, उसकी आंखों के सामने वह कल्पनाये वास्तविक होने लगी कि किस तरह एक तांत्रिक ने तंत्र क्रिया की सिद्धी के लिये एक 15 वर्षीय लड़के की हत्या कि और उसके कुछ दिनों बाद वह तांत्रिक भी रहस्यमयी तरीके से मृत पाया गया। और कई गांव वालों ने उस लड़के को उस रास्ते में कई बार देखा तभी से ये खेत भूतिया खेत बन गया। तब से कोई इस खेत पर फसल उगाता वहां बहुत झाड़ियां हो गई थी, मैं उस खेत के पहले सीरे पर पहुंचा, तभी उसे पीछे से आवाज आयी.. ....श.......श.......श..........तु.......म......म.......मे.....र...........रे...........बारे में सोच रहे हो न ...........ही......ही ।

उसकी तो हवा टाईट हो गयी और वह ऐसा भागा कि 40 मिनट का रास्ता 10 मिनट में तय हुआ और उस आवाज ने उसका पीछा जब तक वह सुनसान रास्ते से आगे नही बढा तब तक वह आवाज आती रही। उसके बाद 3 दिन तक उसका शरीर तप रहा था फिर जब डाक्टर की दवाईयों से कुछ राहत न मिली तो गांव के मन्दिर के पुजारी जी को बुलाया तो उन्होने उसे एक कुछ उपाय बताया ( इस उपाय को गुप्त रखने को कहा गया है।), तब से वह हर बार उस उपाय को करता है तब से उसे तो ऐसा एहसास नही हुआ पर एक अन्य बाहारी व्यक्ति (गांव में सामान बेचने को आने वाले) के साथ इसी रास्ते पर भुतहा घटना हुई उसे भी जल्द ही प्रकाशित किया जायेगा।

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