
आपनें भी कभी न कभी नदी घाटी सभ्यता के विषय में कुछ न कुछ अवश्य सुना होगा। नदी घाटियों के बारें में कहा जाता है कि हजारों वर्ष पूर्व मानवों के द्वारा बसायें गयें यह वे नगर है। जो नदियों के किनारे बसी मानव सभ्यता की गवाही देतें है। सामान्य घाटियों को तो सब पहचानतें है पर क्या आपनें कभी रहस्यों से भरी घाटी के बारें में कभी सुना है। कोई भी वस्तु या स्थान तब तक रहस्यमयी नही होता जब तक उस जगह या स्थान पर कुछ रहस्यमय घटना घटित नही होती और खोजी दलों की नजर में तो घाटियो में असख्य रहस्य है।
एक ओर वह हमें हमारे पूर्वजों से जोड़ती है और दूसरी ओर वह रूहानी शाक्तियों की बस्ती भी बन जाती है। कहा जाता है कि जिस स्थान पर न तो मानव और न पशु-पक्षियों के की पहुंच होती है।
वह जगह अवश्य ही रूमानी या रूहानी शाक्तियों का बसेरा बन जाता है... ऐसी ही रूहानी शाक्तियों के द्वारा जब मानवीय जीवन में हस्तक्षेप होता है तो वह खोजी दलों के लिए परालौकिक घटना बन जाती है... ऐसी ही एक कहानी के साथ मैं एक बार फिर हाजिर हूं....
सन् 1920, भारत।
चारों तरफ फैला अंधेरा, जंगल की ओर से जंगली जानवरों की विचित्र आव़जों के बीच शहर से बाहर एक खुलें मैदान में लगायें गयें तम्बू के बाहर जलती मसालें । जिनकी आंच समय के साथ मंद पड़ती जा रही थी।
बीच-बीच में तम्बू से कुछ लोगों के पदचाप और हंसने की आवाजें झिलमिलातें प्रकाश में किसी को सुकुन दे रही थी पर अचानक उनकें तम्बू में कुछ हलचल होंने लगी। दो परछाईयां गुपचुप तरीके से शिविर की ओर गयी और दूर गरीब बस्ती में मातम पसर गया, बच्चों के रोनें की आवाजें आने लगी। मानों कोई अभागा दुनिया छोड़ कर चला गया हो।
Major Adms के कैंप में तीन सूट-बुट धारी अग्रेंज अफसर आपस में किसी विषय बहस कर रहें है...
" मि.एडंकिचन तुम जानतें हो ना यह गरीबों का देश है, यहाँ खोज करनें से हमारा क्या लाभ ? "
'no.' मि.जाॅन तुम भूल रहें हो, इसी देश को लूटनें के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी आयी थी। यहां के धन को लूटकर तुम इस पद तक पहुँचे हो यह मत भूलों।"
ठीक है। पर अब इस देश में क्या रखा है?
'मि.एडंकिचन ने जाॅन की तरफ देखकर तेजी से प्रश्न दागा,"जब तुम इंग्लैड खोजी दल के सदस्य बनें थें तब तुम्हारा सपना क्या था?"
मैं कुछ नयी खोज करूँ, कुछ नयी चीजों को खोज पाऊँ ताकि उन चीजों को इंग्लैड ले जाकर अपनी कीर्ति बढ़ा कर सकूँ ।"
मि.एडंकिचन ने उसे घूरते हुए कहा,'भारत' एक ऐसा देश है जो रहस्यों से भरा पड़ा है। यहाँ एक से बढ़कर एक अजूबें है। मैंने तो यहाँ के लोगों को कहतें सुना है कि राजा लोग अपना खजाना शत्रु से छुपाकर रखते थें। ऐसी ही एक खजाना एक घाटी में छुपाया गया है।
इस बात की पुष्टि क्या है।
हा ,मेरी फौज की टुकड़ी इस बात की पुष्टि कर चुकी है।
अपनें जेब से चमचमाती सोनें की मुद्रा को निकलकर उसके हाथ में रख देता है और कहता है यह देखों।
उस सिक्कें को देखकर जाॅन के चेहरे पर एक लालची मुस्कान उभर आती है और वह झटकें से उसे छीन लेता है।
जाॅन उस सिक्कें को हाथ में लेकर ऐसें देखता है जैसे वह उसकी शुद्धता को परख रहा हो उसनें धीरे से अपना हाथ जेब में डालकर एक पत्थर निकाल और सिक्के को उस पर रखड़नें लगा। कुछ देर में वह हल्का गर्म लगनें लगा तो उसनें उसें पलटकर देखा। वह बड़ी सुक्ष्म दृष्टि से उसे निहार रहा था मानों वह अपनी योग्यता से उस सिक्कें का परीक्षण कर रहा हो।
अब क्या कहतें हो जाॅन।
मैं चलनें को तैयार हूँ major adms.
Major adms उसे सम्बोधित करता है, अब मैं तुम्हारे साथ एक आठ सदस्यों की टीम भेजता हूँ, Mr.एडंकिचन इस टीम के हेड होंगे और तुम उनकें जुनियर... तुम्हें उस घाटी का पता लगाना होगा।
मि. एडंकिचन चिढ़कर, पर याद रहें तुम्हें मेरी हर बात माननी होगी।"
ठीक है, मैं तैयार रहूँगा कल सुबह।
जाॅन के जाते ही एडंकिचन और major adms खुश हो गये।
सुनों एडंकिचन याद रखना, इसे भी रास्ते में सब कुछ बता देना।
एक बात तो माननी पड़ेगी मेजर, तुम बड़े शातिर हो। इसकों तूमने कितनी आसानी से बेवकूफ बनाया।
अरे धीरे बोलों किसी ने सुन लिया तो सारा मामला चौपट हो जायेगा।
ठीक है सर, पर यह स्वर्ण मुद्रा कहाँ से प्राप्त की यह तो असली है।
यह सिक्का आज मैं एक गंवार आदमी के घर से कर के रूप में उठा लाया हूँ। वो कह रहा था कि यह मुद्रा शापित है पर इन बेवकुफ लोगों की बातों में कौन आता है।
This foolish people, यह एकदम मुर्ख लोग है। वो तो जरूर जानता होगा कि यह मुद्रा कहाँ की है।
उसने मुझे कुछ नही बताया।
मेजर आप उसकों हमें सौंप देना, मैं इन मूर्खों से सच उगलवाना जानता हूँ। क्या ये सिक्का मैं ले सकता हूँ मेजर।
ले लो, वैसे भी मुझे फालतु चीजों में दिलचस्पी नही है।
एडकिंचन - सोने का सिक्का लेकर सोने चला जाता है।
जैसे-जैसे वह अपने शिविर की ओर जाता है, उसके मन में अन्धकार छाने लगा। बस्ती से होने वाले मातम के शोर से उसका सर चकरानें लगा और वह बेहोश होकर गिर पड़ा।
जाॅन और major adms अचानक हुई इस घटना से चौंककर एडंकिचन के शिविर की ओर दौड़कर आने लगें।
आखिर क्या है उस स्वर्ण मुद्रा का रहस्य... क्या वह शापित है... या सच में कोई रहस्यमयी घाटी है ...
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