Skip to main content

रहस्यमयी घाटी। (सच्ची भूतिया घटना - भाग -2 )

एडंकिचन, MAJOR ADMS से वह सिक्का अपने शिविर की तरफ लौटता है, वह लड़खड़ा कर गिर जाता है जिससें वह जोर से चीखतें हुए बेहोश हो जाता है। उसकी चीख की तेज आव़ज सुनकर MAJOR ADMS और जाॅन अपनें शिविरों से भागकर उसकी तरफ दौड़ पड़ते है। MAJOR ADMS जब शिविर के पास पहुंचे तो वह आश्चर्यचकित रह गयें। MAJOR ADMS, कुछ हड़बड़ी में चिल्लातें हुए oh! No someone help me, इसके सिर से तो बहुत खून बह चुका है।

जाॅन दौड़तें हुए, ओह! मि. एडंकिचन के साथ यह सब कैसे हो गया। अभी-अभी तो सब ठीक था।

MAJOR ADMS शीघ्र अपनें कुछ सैनिकों को बिट्रिश आर्मी के डा. को बुलावा भेजता है ताकि वह डा. शीघ्र बुलाकर लायें नही तो मि.एडंकिचन मर जायेंगे। उसे ऐसा एडंकिचन के सर से बहती खून की धारा को देखकर लगता है।

सैनिक उसकें आदेश पर दौड़कर आर्मी के एक डाक्टर को बुला लाता है...।

ADMS ने कुछ सैनिकों से कहा जब तक डा. आते है वह एडंकिचन को उसकें कैम्प में लेकर जाते है... ताकि डा. आराम से उसका चैकअप कर सकें। कुछ आला अंग्रेज अफसर एडंकिचन को घेरकर खड़े हो जाते है... तभी एक सुट-बुट धारी DR.Sis उसका सामान्य चैक अप करतें है और उसके शरीरिक हालत की रिपोर्टिंग अपने मेजर के सामने करता है।


MAJOR-

कैसा है वह अब।


Dr. Sis-

वह सामान्य स्थिति में है मेंजर।


MAJOR-

पर यह अचानक कैसें हो गया Dr.Sis. आपका क्या अनुमान है?


Dr. Sis-

Major यह बस एक एक्सीडेंट है। लगता है इसकें पैर के नीचें कुछ पत्थर आ गयें थें। जिससें कारण उनका शरीरिक सन्तुलन बिगड़ गया और वह गिर गयें जिससें उनका सिर जमीन पर किसी पत्थर से टकरा गया। जिससें उनके सिर पर घाव हो गया और खून बहनें लगा।


MAJOR-

ओ; अच्छा फिर ठीक है।


Dr. Sis-

OK, major. वह डा. मेजर को सैल्यूट मारकर अपनें कैम्प से बाहर आ जाता है।


MAJOR-

Mejor कुछ चितिंत अवस्था में अपने कैंप के भीतर इधर-उधर गस्त करते है। जैसे वह किसी बड़ी मुसीबत को मन में दबायें बैठे हो। वह अपनें में खोया हुआ बड़बड़ा रहा था। -ओ! तो मैं सही था, वह सिक्का सच में शापित है... अगर वह सिक्का मेंरे पास होता तो अवश्य ही एडंकिचन की जगह चोटें मुझे लगी होती। MAJOR इस बारें में सोचतें-सोचतें पसीनें से तर हो जातें है। उनके मन में कई शंकायें एक साथ घुमनें लगी। तभी अचानक जाॅन वहाँ आ जाता है।


जाॅन-

हैलों सर; आप इतना घबराये हुए क्यों लग रहें है?


MAJOR-

नही मैं ठीक हूं, बस एडंकिचन के कारण थोड़ा चितिंत हूँ।


जाॅन-

yes sir, ये तो है। वह एक अच्छे पर्वतारोही हैं। पहलें कई बार मेरे साथ पर्वत अरोहण कर चूके है। पहली बार हम कुछ बड़ा खोजनें जा रहें थे।


MAJOR-

you are right. Mr. Adkinchans is a nice person as you.


जाॅन-

मैं आपसे यह पूछने आया हूँ कि घाटी के खोजी दल का क्या करे? अब तो हमारे हेड ही डेमैज हो चुके है।


MAJOR-

but this mission is very important, हम किसी भी हाल में इस मिशन को नही छोड़ सकते। अगर तुम नही जाना चाहतें तो मैं किसी और को नियुक्त करूँगा नही तो अब तुम ही इस टीम के लीडर हो।


जाॅन-

धन्यवाद सर, i will do my best.


MAJOR-

but this mission is very important, हम किसी भी हाल में इस मिशन को नही छोड़ सकते। अगर तुम नही जाना चाहतें तो मैं किसी और को नियुक्त करूँगा नही तो अब तुम ही इस टीम के लीडर हो।


जाॅन-

धन्यवाद सर, i will do my best.


MAJOR-

जाओ अब कल सुबह तुम अपनें साथियों के साथ तैयार रहना।

जाॅन अपने कैंप में वापस लौट गया। परन्तु major adms कुछ चितिंत सा है। वह चुपचाप अपनें कैम्प से निकलकर एडंकिचन के कैंप में गया। वहाँ एडंकिचन अभी भी दवा के प्रभाव से गहरी नींद में अचेत होकर सो रहा था। वह छुपकर कैम्प में दाखिल हुआ और फिर उसने एडंकिचन के कपडों को टटोलना शुरू किया पर वह हर कपड़े को चेक करके निराश हो रहा था मानों उसे उसकी मनचाही वस्तु नही मिल रही थी। जब उसें वह वस्तु कहीं नहीं मिली तो उसनें सोचा, हो सकता है जब एडंकिचन गिरा तब वह चीज़ उसकें पास थी और वहीं गिर गयी हो। वह जाता है तो उसें वह सिक्का मिलता है परन्तु वह उसे वहां पर वह सिक्का पड़ा मिलता है पर वह उसे यूँ ही छोड़कर वापस लौट आता है। उस रात नींद उसकी आंखों से ओझल हो जाती है और वह रात भर नही सो पाता।

सोने का वह सिक्का कालें आसमान के नीचें चमक रहा था किंतु रात्रि के तीसरें प्रहर में ब्रिटिश हुकुमत के कैंप में एक तेजी रोशनी चमकी और उसकी ओट लेकर वह सिक्का अचानक गायब हो गया ।


all rights reserved govt of UK.

© don't copy the content of this blog..

Comments

Popular posts from this blog

रहस्यमयी घाटी। (सच्ची भूतिया घटना - भाग -4 )

चारों तरफ से अंधकार घिर गया.... जंगल के किनारे सभी सदस्यों के तम्बू के बाहर लकड़ी की मशालें जल उठीं और दो बंदूकधारी सैनिक अपनी सर्विस राईफल लेकर कैंप के चारों तरफ गश्त कर रहें थें ताकि वह अपनें साथियों की सुरक्षा जंगली जानवरों से कर सकें। तभी जाॅन वाॅटसन के कैंप में उसके साथ अगलें दिन के कार्यों पर विचार-विमर्श करनें लगा। अचानक वह शाम के समय घटी घटना को बातों-बातों में जाॅन से पूंछने लगा। शायद वह उसकें मन को टटोलना चाहता था ताकि यह पक्का हो सकें कि वह अब स्वास्थ्य हो चुका है और आगें के सफ़र के लिए तैयार है अथवा नही? इससे पहले की जॉन कुछ करता वाटसन ने उससे पूछ लिया, तुम उस समय सिक्के को देखकर क्यों डर गए थे? तुम नही जानते वो सिक्का 'शापित' है। ऐसा मैने अपने मेजर से सुना था। तुम विश्वास नही करोगे पर यही सिक्का कल रात को एडकिन्सन के पास भी था और तुम जानते हो उनके साथ क्या हुआ। वही इस दल के मुखिया थे। वाॅटसन ने जॉन को शक भरी निगाहों से देखा,उसें लग रहा था, जाॅन की तबीयत ठीक नहीं है इसलिए वह एडंकिचन के साथ हुई घटना को जबर...