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Showing posts from June, 2020

हान्टेड हाईवे |

आप कभी हाईवे से गए है, जो दिन में तो गड़ियों से खचा-खच भरा हुआ और रात में बिल्कुल नीरव और सुनसान एक अलग- सा खौफ लिए होता है। शहर से सुदूरतम लगभग सभी हाईवे ऐसे ही हैं।जहां दिन में भी हाईवे पर हादसे होते रहते है और कई सारे लोग ऑन-द -स्पॉट मर जाते हैं। इस तरह हर सूरज की लालिमा के साथ शुरु होती है। एक डर की कहानी जो दिन ढ़लने के साथ ही उसमें एक नया अध्यय स्वतः जुड़ता ही चला जाता है।हमारे देश में वैसे तो कई प्रेत -बाधित हाइवे है; पर यह जो कहानी मैं लेकर आया हूं।एक ऐसे ही हाईवे की कहानी जिससे सूर्यास्त के बाद लोग जाने से भी कतराते हैं। खौफ़ और दहशत से भरी काहानी। हम सात दोस्त का एक ग्रुप था। जिमसें रोहन सेमवाल, राजू रावत, कमलेश पैन्यूली, रोनी आहूजा, श्याम नारायण, हितेश सोढ़ी, टीनु भटनागर देहरादून के डी. ए. वी. कॉलेज देहरादून से स्नातक की पढ़ाई कर रहे थे।हम सभी आर्ट्स से स्नातक की पढ़ाई कर रहे थे और सभी अंतिम वर्ष में थे। सभी दोस्त दोस्त बहुत अच्छे घरानों से ताल्लुकात रखते थे। किसी के पापा मशहूर बिजनेसमैन, तो किसी के प्रधानाचार्...

रहस्यमयी घाटी। (सच्ची भूतिया घटना - भाग -5 )

एडंकिचन- ओह! तभी परसों मुझे कैंप से निकलतें समय एक धक्का लगा जिससें मेरा संतुलन बिगड़ गया और मैं लुढ़ककर बुरी तरह घायल हो गया और तभी से वह सिक्का कहीं गायब हो गया। मैंने बहुत खोजा पर वह कहीं नही मिला। तो फिर, अब वह सिक्का कहाँ है? चंद्रचूड़ ने चिल्लाते हुए कहा। एडंकिचन- पता नही,हमनें बहुत खोज की पर वह कहीं-नही मिला। चंद्रचूड़- क्या! ऐसें कैसे, तुम नही जानतें वह अब कितना खतरनाक हो जायेगा। अब उसमें एक साथ कई अतृप्त आत्माओं का वास हो जायेगा और अगर ऐसा हो गया तो कोई भी कुछ नही कर पायेगा, हमें यह सब रोकना होगा। एडंकिचन- इसे कैसें रोक सकतें है चंद्रचूड़? चंद्रचूड़- इसके लिए हमें वह सिक्का ढूँढना होगा और फिर से मंत्रों से अभिमंत्रित करके वापिस रखना होगा। एडंकिचन- चलों फिर तो हमें उसे शीघ्र ढूढ़ना होगा। चंद्रचूड़- अगर वह सिक्का तुम्हारे पास नही तो कहीँ ऐसा तो नही किसी ने चुरा लिया हो। एडंकिचन- नही, पर हो सकता है परसों जो टुकड़ी रहस्यमयी घाटी की खोज करनें गयी थी। शायद उनमें से को...

रहस्यमयी घाटी। (सच्ची भूतिया घटना - भाग -4 )

चारों तरफ से अंधकार घिर गया.... जंगल के किनारे सभी सदस्यों के तम्बू के बाहर लकड़ी की मशालें जल उठीं और दो बंदूकधारी सैनिक अपनी सर्विस राईफल लेकर कैंप के चारों तरफ गश्त कर रहें थें ताकि वह अपनें साथियों की सुरक्षा जंगली जानवरों से कर सकें। तभी जाॅन वाॅटसन के कैंप में उसके साथ अगलें दिन के कार्यों पर विचार-विमर्श करनें लगा। अचानक वह शाम के समय घटी घटना को बातों-बातों में जाॅन से पूंछने लगा। शायद वह उसकें मन को टटोलना चाहता था ताकि यह पक्का हो सकें कि वह अब स्वास्थ्य हो चुका है और आगें के सफ़र के लिए तैयार है अथवा नही? इससे पहले की जॉन कुछ करता वाटसन ने उससे पूछ लिया, तुम उस समय सिक्के को देखकर क्यों डर गए थे? तुम नही जानते वो सिक्का 'शापित' है। ऐसा मैने अपने मेजर से सुना था। तुम विश्वास नही करोगे पर यही सिक्का कल रात को एडकिन्सन के पास भी था और तुम जानते हो उनके साथ क्या हुआ। वही इस दल के मुखिया थे। वाॅटसन ने जॉन को शक भरी निगाहों से देखा,उसें लग रहा था, जाॅन की तबीयत ठीक नहीं है इसलिए वह एडंकिचन के साथ हुई घटना को जबर...

रहस्यमयी घाटी। (सच्ची भूतिया घटना - भाग -3 )

अगली सुबह, जाॅन अपनें साथियों के साथ मेंजर के पास जानें वाला है। इससे पहले वह एडंकिचन के कैंप में जाता है ताकि वह उसके साथ घटी घटना का पता लगा सकें। जाॅन- जाॅन, एडंकिचन से- हैलों मि.एडंकिचन, अब कैसी तबियत है आपकी? एडंकिचन- एडंकिचन, जाॅन से- अब थोड़ा आराम है पर जो भी हुआ वह ठीक नही हुआ। मैं तो आराम से वो सोनें का सिक्का मेंजर से मांगकर कैंप की तरफ वापस आ रहा था। परन्तु तभी अचानक पीछे से मुझे एक जोरदार धक्का लगा और मेरा संतुलन खो गया जिससें मैं गिर पड़ा पर जब तक मैं मुड़कर देखता उससें पहलें ही मैं अचेत हो गया। जाॅन- पर इतनी रात को केवल सिपाही ही कैम्प से बाहर रहतें है। एडंकिचन- मैने अभी सुना कि तुम अब उस रहस्यमयी घाटी की खोज करने जा रहें हो। अच्छा है वैसे भी एक इतिहासकार को इससे अच्छा क्या मौका चाहिए? जाॅन- जी सर, परन्तु आप तो अपनी जगह है। अब एक प्रसिद्ध पर्वतारोही है आपके साथ मैंने कई जगह पहाडों की चढाई की है; पर लगा न...

रहस्यमयी घाटी। (सच्ची भूतिया घटना - भाग -2 )

एडंकिचन, MAJOR ADMS से वह सिक्का अपने शिविर की तरफ लौटता है, वह लड़खड़ा कर गिर जाता है जिससें वह जोर से चीखतें हुए बेहोश हो जाता है। उसकी चीख की तेज आव़ज सुनकर MAJOR ADMS और जाॅन अपनें शिविरों से भागकर उसकी तरफ दौड़ पड़ते है। MAJOR ADMS जब शिविर के पास पहुंचे तो वह आश्चर्यचकित रह गयें। MAJOR ADMS, कुछ हड़बड़ी में चिल्लातें हुए oh! No someone help me, इसके सिर से तो बहुत खून बह चुका है। जाॅन दौड़तें हुए, ओह! मि. एडंकिचन के साथ यह सब कैसे हो गया। अभी-अभी तो सब ठीक था। MAJOR ADMS शीघ्र अपनें कुछ सैनिकों को बिट्रिश आर्मी के डा. को बुलावा भेजता है ताकि वह डा. शीघ्र बुलाकर लायें नही तो मि.एडंकिचन मर जायेंगे। उसे ऐसा एडंकिचन के सर से बहती खून की धारा को देखकर लगता है। सैनिक उसकें आदेश पर दौड़कर आर्मी के एक डाक्टर को बुला लाता है...। ADMS ने कुछ सैनिकों से कहा जब तक डा. आते है वह एडंकिचन को उसकें कैम्प में लेकर जाते है... ताकि डा. आराम से उसका चैकअप कर सकें। कुछ आला अं...

रहस्यमयी घाटी। (सच्ची भूतिया घटना)

आपनें भी कभी न कभी नदी घाटी सभ्यता के विषय में कुछ न कुछ अवश्य सुना होगा। नदी घाटियों के बारें में कहा जाता है कि हजारों वर्ष पूर्व मानवों के द्वारा बसायें गयें यह वे नगर है। जो नदियों के किनारे बसी मानव सभ्यता की गवाही देतें है। सामान्य घाटियों को तो सब पहचानतें है पर क्या आपनें कभी रहस्यों से भरी घाटी के बारें में कभी सुना है। कोई भी वस्तु या स्थान तब तक रहस्यमयी नही होता जब तक उस जगह या स्थान पर कुछ रहस्यमय घटना घटित नही होती और खोजी दलों की नजर में तो घाटियो में असख्य रहस्य है। एक ओर वह हमें हमारे पूर्वजों से जोड़ती है और दूसरी ओर वह रूहानी शाक्तियों की बस्ती भी बन जाती है। कहा जाता है कि जिस स्थान पर न तो मानव और न पशु-पक्षियों के की पहुंच होती है। वह जगह अवश्य ही रूमानी या रूहानी शाक्तियों का बसेरा बन जाता है... ऐसी ही रूहानी शाक्तियों के द्वारा जब मानवीय जीवन में हस्तक्षेप होता है तो वह खोजी दलों के लिए परालौकिक घटना बन जाती है... ऐसी ही एक कहानी के साथ मैं एक बार फिर हाजिर हूं.... ...

सच्ची भूतिया घटना ( रोहन )

सच्ची भूतिया घटना ( रोहन ) यह घटना वास्तविक है, यह घटना मेरे दोस्त के साथ घटित हुई है जो जौनसार-बाबर क्षेत्र का निवासी है। जौनसार बाबर तंत्र मंत्र के लिए प्रसिद्ध है प्राचीन काल में शायद से ही इसे ही कामरूप नगर या मांयाेग क्षेत्र कहा जाता होगा। यहां पर तंत्र मंत्र में विशेष रूप से महिलाएं ही दक्ष होती है। सर्दियों की छुट्टियों में मेरा दोस्त रोहन अपने गांव जाने के लिए सुबह 6:00 बजे घर से निकला और वह बस में बैठकर अपने गांव की तरफ धीरे-धीरे बढ़ता है. उसका सफर-2 घण्टे बाद उसका सफर बहुत सुहाना हो गया, धीरे-धीरे मौसम में हल्की ठण्ड शुरु हो गयी क्योकि पर्वतीय घाटियां शुरु हो गयी और वह सफर का मजा लेने लगा वह खिड़की से बाहार देख रहा था और सड़क के दोनो और की हरियाली देखने में मजा आ रहा था। तभी नजर उसकी एक तीव्र मोड़ के किनारे एक कमरेनुमा सरचना (कोठार) देखा उसे वहां बहुत सारी नीली आंखे दिखाई दी उसने ध्यान से देखा कि उसे मानवाकुति दिखाई दी। तो उसे याद आया कि यह तो वही जगह थी जहां पर अक्सर हादसे होते है और कुछ साल पहले वहा...